Maharajganj

सोहगीबरवा सेंचुरी में पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्री, जंगल सफारी शुरू करने पर की चर्चा


महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:-  प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना शुक्रवार को टाइगर डे पर अचानक सोहगीबरवा सेंचुरी के दक्षिणी चौक रेंज के जंगल में पहुंच गए। इस दौरान डीएम सत्येंद्र कुमार, वन संरक्षक भीमसेन, डीएफओ पुष्प कुमार के. एडीएम डॉ पंकज कुमार वर्मा मौजूद रहे। वन मंत्री ने जंगल सफारी की तैयारी पर चर्चा की। ईको टूरिज्म की गाड़ी से जंगल सफारी के सर्किट का भ्रमण किया। डीएम समेत अन्य अफसरों के साथ  रामग्राम स्तूप पहुंचे। वहां पुष्प अर्पित किया। कुसमहवा अतिथि गृह पर जंगल सफारी को शुरू करने के संबंध में वार्तालाप किया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए वन मंत्री ने कहा कि सोहगीबरवा में जंगल सफारी की बहुत अच्छी संभावना है और बरसात के बाद जनपद के लोगों के साथ-साथ बाहरी पर्यटकों को भी जंगल सफ़ारी का आनंद प्राप्त होगा।जिला प्रशासन इस पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि रामग्राम व देवदह में वन विभाग द्वारा जो भी विकास के कार्य कराए जा सकते हैं, वह किये जाएंगे। पत्रकार वार्ता के बाद वन मंत्री ने रामग्राम का निरीक्षण किया। कन्हैया बाबा का दर्शन कर उनकी पूजा अर्चना की। वन मंत्री ने टीले व कन्हैया बाबा शिव लिंग के इतिहास की भी जानकारी ली। उन्होंने स्थल के सुंदरीकरण के लिए जरूरी निर्देश भी दिए। कार्यक्रम के अंत मे उन्होंने चौक स्थित बाबा गोरखनाथ मंदिर का दर्शन किया। मंदिर के सुंदरीकरण के लिए चल रहे कार्यों को भी देखा ।  निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार, डीएफओ पुष्प कुमार के., अपर जिलाधिकारी डॉ. पंकज कुमार वर्मा, वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
डीएम के वन्य जीवन की जानकारी के कायल हुए लोग, वन मंत्री को रामग्राम का बताया इतिहास

 जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार का वन्यजीवन के इतिहास और उसकी बारीक जानकारी लोगों को तब देखने को मिली जब जिलाधिकारी ने वन मंत्री को न सिर्फ सोहगीबरवा की पर्यावरणीय विशेषताओं के बारे में बताया बल्कि यहाँ की ऐतिहासिकता और इस वन्यजीव विहार के बारे में भी अवगत कराया। इसी प्रकार उन्होंने वन मंत्री को रामग्राम स्तूप के ऐतिहासिक महत्व, लंबे समय से इसको रामग्राम के रूप में मान्यता दिलाने वाले प्रस्ताव के लंबित रहने के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने नेपाल के दावे के संदर्भ में भी बताया। इसी प्रकार स्तूप पर स्थित पेड़ की पत्तियों के प्रति उत्सुकता व्यक्त करने पर जिलाधिकारी ने पेड़ की विशेषता सहित उसको लगाए जाने के इतिहास से भी वन मंत्री को अवगत कराया। इस मौके पर वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

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